नर हो, ना निराश करो मन को

नर हो, ना निराश करो मन को


देख के विपदा खड़ी सामने
मत छोड़ के तुम भागो रण से
तानो सीना और उससे लड़ो
नर हो,ना निराश करो मन को।

दुख सुख जीवन के दो पहलू
एक आवे है एक जावे है
सुख में रब का जो नाम लिया
तो दुख तुमको दुखी करेगा क्यूं
नर हो, ना निराश करो मन को।

मेहनत से तुम ना घबराना
सफल रहो या विफल रहो
दोनों हाल में तुम्हे जीतना
बस खुद पे विश्वास धरो
नर हो, ना निराश करो मन को।

प्रेम प्रभु का एक रूप है
कहीं छांव है कहीं धूप है
सतत प्रेम भी एक तपस्या
प्रेम पुष्प ना सूखने दो
नर हो, ना निराश करो मन को।।

आभार – नवीन पहल – २१.०७.२०२३ 🤗🤗

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4 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Abhinav ji

22-Jul-2023 09:32 AM

Very nice

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Reena yadav

22-Jul-2023 12:00 AM

👍👍

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